राजस्थान पुलिस उपनिरीक्षक पेपर लिक के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट ने सोमवार को बड़ा आदेश जारी किया है। राजस्थान हाई कोर्ट ने भर्ती परीक्षा का पेपर लिक होने के मामले में जवाब के लिए नोटिस जारी करने और इस भर्ती से सबंधित आगे की प्रक्रिया को फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने के लिए आदेश जारी किया है।
राजस्थान हाई कोर्ट ने इस भर्ती के सबंध में जवाब के लिए प्रमुख गृह सचिव के जरिए राज्य सरकार, पुलिस महानिदेशक, राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) सचिव, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के अतिरिक्त महानिदेशक व दो प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को नोटिश जारी करने का आदेश जारी किया है। राजस्थान हाई कोर्ट इस मामले पर शुक्रवार को फिर से सुनवाई करने वाला है। पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित होने वाले अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण पूरा हो चूका है। लेकिन कोर्ट के आदेश से फिलहाल परीक्षा, पासिंग आउट परेड सहित आगे की पोस्टिंग के लिए प्रक्रिया अटक गई है।
न्यायाधीश समीर जेन ने इस मामले की सुनवाई कैलाश चंद शर्मा और 24 अन्य की याचिका पर की है। अधिवक्ता हरेंद्र निल ने कोर्ट को यह बताया की पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती 2021 के तहत 2021 में 13 से 19 सितंबर के बीच परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा का पेपर लिक हो चूका है। पेपर लिक के मामले में कई प्रशिक्षु उपनिरीक्षक को गिरफ्तार भी किया जा चूका है। याचिका में यह भी कहा गया की इस परीक्षा में भारी गड़बड़ी होने के कारन इस परीक्षा को अवैध घोषित कर इसे रद्द किया जाए। भर्ती में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से पुनः परीक्षा ली जाए ।
इसके साथ ही एसओजी जांच को मॉनिटर करने और एसओजी जांच को तालाब करने और भर्ती में शामिल होने वाले उम्र पार कर चुके अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट देने का भी आग्रह किया है। राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता भुवनेश शर्मा से कहा की इस हेतु सरकारी पक्ष का जवाब दिलाया जाए। इस याचिका में आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राइका के बेटे प्रसिक्षु देवेश राइका व जेल में बंद प्रशिक्षु एसआई नरेश कुमार भी पक्षकार है। इनसे से भी कोर्ट ने जवाब माँगा है।
पोस्टिंग के आगे यह प्रक्रिया होनी थी
भर्ती परीक्षाओ में शामिल होने वाले प्रशिक्षु का प्रशिक्षण पूरा हो चूका है। इसके बाद आने वाले दिनों में परीक्षा होनी थी। परीक्षा के बाद पासिंग आउट परेड व फिल्ड पोस्टिंग दिए जाने थे लेकिन अभी फिलहाल इस पर रोक लगा दी गई है।
मंत्रिमण्डल की रिपोर्ट पर होगा निर्णय
विधि मंत्री जोगाराम पटेल के नेतृत्व में 6 सदस्यों की बैठक पुलिस उपनिरीक्षक के पेपर लिक के मामले में पिछले माह मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में भी पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द करके पुनः परीक्षा आयोजित करवाने के लिए जोर दिया गया है। जिस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री करेंगे। इस कमेटी में गजेंद्र सिंह खिवसर, सुमित गोदारा, बाबूलाल खराड़ी, जवाहर सिंह, मंजू बाघमार भी सदस्य थे ।
एसओजी के पास जाँच, 859 पदों पर चयन
पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती 2021 के तहत 859 पदों पर चयन किया गया था। इस भर्ती में पेपर लिक की जांच एसओजी कर कर रही है। पेपर लिक के मामले में करीब 50 फर्जी उपनिरीक्षक गिरफ्तार हो चुके है। इसके आलावा एसओजी को 7 प्रशिक्षु की तलाश है। 300 प्रशिक्षु थानेदार की भूमिका पर जांच की जा रही है। इस मामले में तो आरपीएसsi के एक वर्तमान सदस्य और एक पूर्व सदस्य भी गिरफ्तार हो चुके है।
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