आने वाले समय में 12वीं कक्षा का परिणाम 9वीं, 10वीं और 11वीं कक्षा के मार्क्स के आधार पर भी निर्भर रह सकता है। 9वीं, 10वीं और 11वीं कक्षा के मार्क्स अब अहम भूमिका निभाएंगे। NCERT की इकाई परख ने एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें यह कहा गया है की 12वीं कक्षा के रिजल्ट को तैयार 9वीं, 10वीं और 11वीं कक्षा के मार्क्स के आधार पर किया जाए। एक्सप्रेस में हाल ही में एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट को हाल ही शिक्षा मंत्रालय को सौंपी गई है।
उन्होंने इस रिपोर्ट में कहा की छात्रों के 9वीं, 10वीं और 11वीं कक्षा के प्रदर्शन के आधार पर ही 12वीं कक्षा के रिजल्ट को तैयार किया जाए। उन्होंने ये भी कहा की यदि स्टूडेंट रेगुलर इन तीनो कक्षाओं में उपस्थित रहता है और वे इन तीनो कक्षाओं में अच्छे मार्क्स लाता है तो इसका फायदा विद्यार्थी को 12वीं कक्षा में भी मिलने वाला है। NCERT की इकाई परख ने यह सिफारिश की है। इस इकाई का जिक्र नई शिक्षा प्रणाली में भी है और इस इकाई की स्थापना पिछले सालो में ही हुई है।
राज्य स्कूल बोर्ड के साथ होगी चर्चा
जानकारी के अनुसार शिक्षा मंत्रालय के द्वारा सभी राज्य बोर्ड के साथ में इसकी चर्चा की जाएगी। ताकि सभी राज्य बोर्ड इस पर अपनी राय दे सके और अपनी सहमिति दे सके। यदि सभी की सहमति रही तो राज्य सरकार इस नियम को लागू करेगी। रिपोर्ट के अनुसार इस सबंध में पिछले एक साल में 32 स्कुल बोर्ड के साथ में चर्चा की जा चुकी है।
परख ने अपनी रिपोर्ट में यह एक अहम सिफारिश की है। रिपोर्ट में यह कहा की छात्र 12वीं कक्षा में बढ़िया रिजल्ट बना पाएगा जब उसकी 9वीं, 10वीं और 11वीं कक्षा स्ट्रांग है। 12वीं कक्षा के रिपोर्ट कार्ड में इन कक्षाओं के परफॉर्मेंस को शामिल किया जाएगा। इस रिपोर्ट में कहा गया है की 9वीं कक्षा में 15%, 10वीं कक्षा में 20% और 11वीं कक्षा में 25% वेटेज को रखा जाएगा। 12वी कक्षा के रिपोर्ट में सयुंक्त मूल्यांकन फॉर्मेटिव असेसमेंट और समेसेटिव असेसमेंट का भी वेटेज रहेगा।
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