जैसा की हम जानते है राजस्थान की पिछली सरकार ने महिलाओ को स्मार्टफोन देने के उद्देश्य से इंदिरा गाँधी स्मार्टफोन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत पिछली सरकार ने 1.33 करोड़ महिलाओ को स्मार्टफोन देने का लक्ष्य रखा था। लेकिन विधानसभा चुनाव के आ जाने से इस योजना को रोका गया था।
इसके बाद राज्य में नई सरकार आने के बाद यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। इस योजना के तहत प्रदेश की 1.33 करोड़ महिलाओ को फ्री स्मार्टफोन देने थे लेकिन मात्र 24.56 लाख महिलाओ को ही इस योजना के तहत स्मार्टफोन दिए गए।
प्रदेश सरकार ने 1.33 करोड़ लक्ष्य को पूरा करने के लिए अलग अलग चरणों में स्मार्टफोन वितरित करने की योजना बनाई थी। इस योजना के प्रथम चरण में 40 लाख महिलाओ को स्मार्टफोन देने का लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार ने 1600 करोड़ के बजट का प्रावधान रखा था।
यह 1600 करोड़ रुपए 24.56 लाख महिलाओ को स्मार्टफोन देने में ही खर्च हो गए। अब शेष महिलाओ को फोन देना तो दूर की बात है, जिनको स्मार्टफोन दिए गए थे उनके भी वापिस रिचार्ज नहीं हो पाए है।
सरकार ने कहा परीक्षण करवाऐंगे
विधानसभा में विधायक इंद्रा की ओर से सवाल पूछा गया प्रौद्योगिकी और संचार विभाग ने जवाब में कहा की प्रदेश में चिरंजीवी परिवार की 1.33 करोड़ महिलाओ को स्मार्टफोन देने का लक्ष्य रखा गया था। जिनमे से केवल 24 लाख 56 हजार महिलाओ को ही स्मार्टफोन मिला। इस स्मार्टफोन में फ्री इंटरनेट डाटा की सुविधा भी दी गई थी। इसके लिए सरकर ने कुल 1670.08 करोड़ रुपए खर्च किए थे।
इसके बाद इस योजना को विधानसभा चुनाव के कारण लगने वाली आचार संहिता की वजह से बंद कर दिया था। अब सवाल यह था की इस योजना को फिर से शुरू किया जाए या बंद ही रहेगी। इस सवाल पर सरकार ने कहा की महिलाओ में हुए लाभ और जनहित का परीक्षण करके स्मार्टफोन योजना पर आगामी निर्णय लिया जाएगा।
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