केंद्र और राज्य सरकारे किसानो के साथ ही महिलाओ के लिए भी विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाए चला रही है। सरकार का उद्देश्य इन योजनाओ से अधिक से अधिक महिलाओ को लाभ मिले और वे अपने जीवन स्तर में सुधार ला सके और आगे बढ़ सके। राज्य सरकारे अपने अपने स्तर पर महिलाओ के लिए नई-नई योजनाए लागू कर रही है।
इसी कड़ी में राजस्थान सरकार के द्वारा महिलाओ के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत दिव्यांग महिलाओ को गर्भावस्था के दौरान आर्थिक सहायता दी जाती है। ताकि वे अपना और अपने बच्चे का पालन पोषण कर सके। राजस्थान सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत दी जाने वाली राशि को 54 फीसदी तक बढ़ा दी गई है।
इस योजना के तहत पहले दिव्यांग गर्भवती महिलाओ को पहला बच्चा होने पर 6500 रुपए दिए जाते थे लेकिन अब इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा दिव्यांग गर्भवती महिलाओ 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी। बता दे की यह राशि महिलाओ को तीन किस्तों में प्रदान की जाएगी।
बच्चे के पैदा होने के बाद महिलाओ को पौष्टिक आहार मिल सके इसी उद्देश्य से सरकार ने दिव्यांग गर्भवती महिलाओ के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शुरू की। अब महिलाओ को 3500 रुपए की अतिरिक्त राशि ओर प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार के द्वारा डीबीटी के माध्यम से दिव्यांग गर्भवती महिलाओ को यह राशि प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत उन दिव्यांग गर्भवती महिलाओ को यह राशि प्रदान की जाएगी जो आंशिक रूप से 40% या पूरी तरह से दिव्यांग है। इस योजना के तहत पहली किस्त का भुगतान आंगनबाडी केंद्र पर रजिस्ट्रड और पहली जांच पर 4000 रुपए दिए जाएंगे।
इसके बाद दूसरी किस्त बच्चे के जन्म पर 3000 रुपए की दी जाएगी। तीसरी किस्त का भुगतान बच्चे के जन्म के रजिस्ट्रेशन और पहले चरण के 14 सप्ताह की उम्र तक बच्चे को सारे टिके लगवाने पर 3000 रुपए किए जाएंगे। इसी प्रकार से तीनो किस्तो के 10 हजार रुपए लाभार्थी को प्रदान किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना क्या है?
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत दिव्यांग गर्भवती महिलाओ को 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत सरकार सभी पात्र महिलाओ को 6500 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान करती है। इसका मुख्य उद्देश्य कमजोर वर्ग की महिलाओ को आर्थिक सहायता पहुंचाना ताकि वे अपने और अपने बच्चे का पालन पोषण कर सके। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओ के ममता कार्ड बनाए जाते है। जिसका रजिस्ट्रेशन पीएचसी-सीएचसी और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर होता है। इस योजना का लाभ सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिलता है।
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